गुरुवार, 6 जनवरी 2011
अम्मा चली गयी!
अम्मा (मेरी सासुजी ) चली गयी, वे लगभग १०० वर्षों का जीवन जियीं और फिर अपने परिवार में दो बेटे और दो बहुयों के साथ अपनी ५ पोतियों का भरा पूरा संसार २ जनवरी २०११ दिन रविवार को छोड़ गयी. अपने अंतर में दया और ममता का भाव लिए कभी भी किसी आत्मीय को या फिर अपने बेटों के या पोतियों के मित्रों या रिश्तेदारों के लिए दरियादिली के लिए प्रसिद्द रहीं. घर में कोई भी आया हो चाहे उनके मायके वाला या फिर बहुओं के रिश्तेदार उनका पर्स खुला और नोट निकाल कर दिए जाओ समोसा और बर्फी ले आओ. फिर चलते समय बच्चों को विदाई भी.
जब से उनकी पोतियाँ बाहर जाकर पढ़ने लगीं, उनके घर से जाने से पहले दादी टीका करने के लिए हम लोगों की आफत मचा देती और फिर जब तक वे घर से न निकल जाती वे इन्तजार करती रहती . टीका करके रुपये देना और फुटकर पैसे देना की रास्ते में चाय पी लेना. उनके लिए जरूरी था.
बहुत लम्बी दास्ताँ हैं , फिर लिखूंगी फुरसत में.
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24 टिप्पणियां:
ओह! बहुत ही दुखद खबर है....ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति दें.
अम्मा को शत-शत नमन एवम विनम्र श्रद्धांजलि
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति दें.
विनम्र श्रद्धांजलि
100 वर्षों का सार्थक जीवन जी कर गईं वे यह खुशी की बात है।
*
उनकी सार्थक बातें और स्नेह की यादें आपके पास मौजूद हैं और वे बनी रहें यह कामना है।
*
विनम्र श्रद्धांजलि।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति दें.
विनम्र श्रद्धांजलि
हमारी तरफ़ से अम्मा जी को श्रद्धांजलि!! सभी बुजुर्ग लगभग ऎसे ही होते होंगे, हमारी मां भी ऎसी ही थी
बुजुर्गों का बहुत सहारा होता है। उनकी आशीष की ठंड़ी छांव में जिंदगी की कड़ी धूप में भी हौसला बना रहता है।
प्रभू उनकी आत्मा को शांति दें।
दिवंगत माताजी को नमन!
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति दें.
अम्मा को नमन एवम विनम्र श्रद्धांजलि
माताजी को नमन एवं श्रद्धांजलि ...
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति दें.
विनम्र श्रद्धांजलि
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति दें.
मेरे इस महान दुःख में मेरे साथ खड़े सभी ब्लोगर भाई बहनों की आभारी हूँ.
दीदी , अम्मां का जाना दुखदायी है. लेकिन शोक न कीजियेगा. जितना सुखद जीवन उन्होंने जिया है, उतनी ही सुखद मौत की भी हक़दार हैं वे.
विनम्र श्रद्धान्जलि.
हाँ , वंदना वे बहुत ही जीवट वाली महिला थीं और जीवन भी इतना संघर्षपूर्ण रहा कि हम सोचते हैं कैसे उन्होंने उसको जिया अदम्य जिजीविषा भी थी उनमें तभी तो कैसर जैसे रोग को भी परास्त करके २० वर्ष तक जीती रहीं.
पूर्ण हुआ जीवन
अब यादे शेष हैं
बस हम भी अपनाए
यही बात विशेष है।
अम्माजी को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि।
ammaji ko vinmra shrdhhanjli
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति दें.
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पति को वश में करने का उपाय।
मासिक धर्म और उससे जुड़ी अवधारणाएं।
...दुखद खबर
@ बहन रेखा जी ! मैंने यह लेख आपको अर्पित किया था .
कृपया इसे स्वीकार करें .
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2010/12/women-in-society-by-anwer-jamal.html
हमारी तरफ़ से अम्मा जी को श्रद्धांजलि १०० साल रहीं आप सब के साथ उनके तजुर्बों को हमें भी बताएं .
आमजी को सादर श्रद्धांजलि
अनवर जमाल जी द्वारा यह खबर पता चली !श्रद्धांजलि उनको !
ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति दें.
सादर श्रद्धांजलि
swastya jeevan vardaan ki tarah hota hai ,aajkal hum iske liya taraste hai ,ishwar unki aatma ko shaanti de.
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति दें.
श्रद्धांजलि!!!!!
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