मेरे इससे पूर्व लिखे गए लेख -' बेटे की माँ ' पर नीलिमा शर्मा जी ने ये कविता भेजी है , ये उनका बेटियों से आह्वान वाकई विचारणीय है .
लडकियों
लडकियों
दुनिया बदल रही हैं
किस्मत चमक रही हैं
अब घर बेठने से कम नही चलेगा
उठो निकलो काम पर अपने काम से
रास्ता अँधेरा होगा
दूर पर कही सवेरा होगा
रोशन करनी हैं तुम्हे दुनिया
उठो चलो कदम बढाओ शान से
एक अकेली मत चलो
आपस में तुम मत लड़ो
छा सकती हो तुम दुनिया पर
जब चला दो झुण्ड में तीर कमान से
कारवां होने लगा छोटा
नर नारी की जातका
कन्या को भी जन्मदो
और समूह बनाओ उनका तुम सम्मान से
एकता मैं बल हैं
बल ही बलवान हैं
नारी ही नारी की दुश्मन
झूठ कर दो इस बयां को अपने ज्ञान से .................. नीलिमा
3 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल बुधवार (08-04-2013) के "http://charchamanch.blogspot.in/2013/04/1224.html"> पर भी होगी! आपके अनमोल विचार दीजिये , मंच पर आपकी प्रतीक्षा है .
सूचनार्थ...सादर!
रेखा जी तहे दिल से आपका आभार .....शशि जी आपका आभार आपने हमारे लिखे शब्दों को चर्चा मंच पर स्थान दिया
एकता मैं बल हैं
बल ही बलवान हैं
नारी ही नारी की दुश्मन
झूठ कर दो इस बयां को अपने ज्ञान से ..बहुत सही..
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