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शनिवार, 1 दिसंबर 2012

कर्म प्रधान विश्व ........!

                 कर्म प्रधान विश्व रचि राखा  , जो जस करिय सो तस फल चाखा .

          ये तुलसी दास की पंक्तियाँ कालातीत  चुकी हैं लेकिन मैं आज भी इनमें विश्वास करती हूँ . वैसे तो कलयुग में रामायण और गीता के मूल्यों को चुनौती देने वाले वाकये जीवन में बहुत देखे हैं लेकिन अपने विश्वास को कभी डिगने नहीं दिया है। बस कर्म किया है , उसके बाद क्या होगा ? ये सोचने की जरूरत नहीं समझी और यही कारण  है कि  मैं अपने जीवन में सिर्फ और सिर्फ आज में जीती रही हूँ। किसके साथ क्या किया? उसको याद करने की जरूरत नहीं समझी लेकिन न जीवन में किसी का बुरा चाहां और न किया। शायद यही कारण रहा हो कि  मैं आज इस पोस्ट को लिखने के लिए आप सबके समक्ष हूँ। 

                        बात पिछले इतवार की है , मैं बहुत दिनों बाद अपनी दोनों बेटियों के साथ घर में थी और मेरे साथ मेरी भतीजी भी थी। मैं किचेन में दाल चढ़ा कर कमरे में बैठ कर बच्चों के साथ बात कर रही थी। अचानक बम फूटने की आवाज सुनाई दी . मेरा खुद का घर और कभी बड़ा और खुला हुआ है . उस दिन मुहर्रम का दिन था तो सोचा कि किसी ने बम फोड़ा होगा। हम इससे बेखबर थे। बगल से आवाज आई की - रेखा क्या हुआ? मैं बाहर निकल कर आई तो मेरे किचेन में कुकर फट गया था। उसका ढक्कन किचेन से बाहर मुडा हुआ पड़ा था। अन्दर गयी तो गैस स्टोव टूटा हुआ था। दाल पूरे किचेन में छिटकी हुई पड़ी थी। बस इतना ही - उस समय किचेन में गैस के सिलेंडर भरे हुए रखे थे। वाटर प्यूरीफायर था लेकिन किसी को कोई भी क्षति नहीं  पहुंची थी। उस समय किचेन की हालत देख कर मेरे हाथ पैर कांपने लगे। बेटियों ने अन्दर बिठा दिया और समझाया कि मम्मी अगर हममें से कोई भी किचेन में होता तो शायद इस हादसे में कुछ भी हो सकता था। 
मुझे समान्य होने में बहुत देर लगी लेकिन फिर सोचा कि अगर जीवन में कुछ अच्छा किया है तो उसके प्रतिफल में इश्वर ने मुझे मेरे परिवार सहित सुरक्षित रखा। अभी सत्य , परोपकार,दया और औरों के दुःख को बाँट लेने का मोल ईश्वर की नजर में भी है। न्याय और अन्याय वह सोच समझ कर  करता है। इसे मेरी धर्मभीरुता भी आप कह सकते हैं लेकिन मेरी धारणा कल भी यही थी और आज भी यही है कि  आप सबका भला सोचिए इश्वर आपका भला जरूर करेगा 

10 टिप्‍पणियां:

रश्मि प्रभा... ने कहा…

जाको राखे साइयां मार सके ना कोई ..... बड़े हादसे से इश्वर ने बचा लिया . आप सपरिवार हमेशा खुश रहें , यह ईश्वर की इच्छा है

Pallavi saxena ने कहा…

बिलकुल सच्ची बात कही आपने शायद इसलिए "अच्छे लोगों के साथ हमेशा अच्छा ही होता है" कि कहावत मशहूर है। लेकिन फिर भी मैं यहाँ यह भी ज़रूर कहूँगी कि हर व्यक्ति को अपने आप में ज़्यादातर यही लगता है कि उसने कभी किसी के साथ बुरा नहीं किया मगर जब कोई दुर्घटना घट जाती है तब एहसाह होता है कि शायद कभी जाने अंजाने में किसी के साथ कुछ बुरा किया होगा यह उसी का परिणाम है। और विडम्बना यह है कि ऐसा कुछ अक्सर उन लोगों के साथ देखने को मिलता है जो हमारी नज़र में बहुत अच्छे हों बरहाल मेरा मानना तो यह कि भगवान यहाँ का यहीं दिखा देते हैं। इसलिए मैं तो "जैसा कर्म करेगा वैसा फल देगा भगवान" में अत्यधिक यकीन करती हूँ।

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

कर्म का फल मिल कर रहता है -यह प्रकृति का ऋत नियम है.जीवन में आये दिन ऐसे उदाहरण सामने आते हैं!

वाणी गीत ने कहा…

ईश्वर सबका भला करता रहे !
कुछ ऐसे अनुभव मेरे भी हैं , कभी शेयर करूंगी ब्लॉग पर !

Udan Tashtari ने कहा…

कर्म प्रधान विश्व रचि राखा , जो जस करिय सो तस फल चाखा .

रेखा श्रीवास्तव ने कहा…

हाँ पल्लवी तुम्हारी बात बिलकुल ठीक है , अनजाने में हो गए कुछ गलत कर्मों के कारन ऐसे हादसों से दो चार होना पड जाता होगा लेकिन जानबूझ कर किये गए किसी के अहित में काम वास्तव में हमारे दुष्कर्मों की श्रेणी में आ जाते हैं . कभी हम और कभी हमारे बच्चे हमारे सामने ही पीड़ित दिखलाई लेते हैं। बस अपने कर्मों को साधे रहें वही एक इंसान बनकर जीने के लिए काफी है।

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vandana gupta ने कहा…

आप सबका भला सोचिए इश्वर आपका भला जरूर करेगा ..........निसंदेह ………इसमे कोई शक नही है और ये धर्म भीरुता भी नही है क्योंकि कर्म की दृष्टि से भी देखिये तो अच्छे कर्म ही किये हैं तो बुरा कैसे हो सकता था …………बस आप सुरक्षित हैं ये जानकर तसल्ली हुई।

बेनामी ने कहा…

सुन्दर बात

रचना दीक्षित ने कहा…

इस तरह के अनुभव इश्वेर में आस्था और बढ़ा देते है. आप सब सुरक्षित रहें यही कामना है.

रचना दीक्षित ने कहा…

कर्मों का फल इसी जन्म में ही मिल जाता है.

नूतन वर्षाभिनंदन मंगलकामनाओं के साथ.