वह चार बेटियों और एक बेटे की ७० वर्षीय माँ हैं और आज वह घर में बिल्कुल अकेली बैठी रहीं क्योंकि बहू और बेटा जो साथ में रहता है आज सुबह सुबह अपनी ससुराल निकाल गया वहाँ एक माँ है न उसको विश करने के लिए और अपनी माँ पर पहरे लगा दिए।
उनकी चारों बेटियाँ हर बार विश करती हैं ये सबको पता है लेकिन शायद ये ख़ुशी उनके भाग्य में न थी। उन्हें आँखों से कम दिखाई देता है वह नंबर नहीं मिला पति फिर मोबाइल के दस नंबर मिलते कहीं न कहीं गलती हो जाती तो मिलता ही नहीं है। कभी घर खाली हुआ तो उन्हें अपनी देवरानी का नंबर जो बेसिक फ़ोन का ही याद है मिलाकर उनसे कह देती की आज वह घर में नहीं है बेटियों से कह दो की फ़ोन मिलाकर बात कर लें।
आज उनकी किसी भी बेटी का फ़ोन सुबह से नहीं आया और वे इन्तजार करा रही थी. उन्होंने देवरानी को मिलना चाहा तो फ़ोन लगा ही नहीं. चुपचाप मुँह ढक कर लेट गयी घर में आज तो कोई भी नहीं था कि वे किसी की आवाज भी सुन लेती. बस इधर उनकी तड़प और उधर उनकी बेटियाँ परेशान होंगी कि आखिर हो क्या गया है कि फ़ोन ही नहीं मिलता है.. माँ बेटी की तड़प का अनुमान शायद उस भगवान को भी नहीं हुआ नहीं तो ऐसे निष्ठुर लोग और निर्णय कैसे लिए जा सकते हैं? कुछ इत्तेफाक कि शाम को मैंने उनसे मिलने की सोची क्योंकि कुछ तो अंदाजा मैं लगा ही सकती हूँ न उनकी बेटी सही फिर भी कोई और आकर हिल हल्का कर देता है. मुझे ये पता नहीं था कि वे घर में अकेली हैं. मुझे देख कर तो वे फफक ही पड़ी . मैंने उनसे पूछा कि क्या आपके पास बेटियों के मोबाइल नंबर है तो उन्होंने एक छोटी सी डायरी निकाल कर दी उसमें उनके खास लोगों के नंबर लिखे थे. वैसे तो उनको जरूरत ही नहीं पड़ती थी क्योंकि बेटियाँ खुद ही मिलाकर बात कर लेती थीं. मैंने बेसिक फ़ोन देखा तो वह डिस्कनेक्ट पड़ा था उसका वायर निकाल कर अलग कर दिया गया था. बेसिक से किसी तरह से बात कर लें तो फिर कॉल बेक करके देख लेती और अब तो कालर आई डी लगवा लिया था.
मैंने उनकी बेटियों के नंबर अपने मोबाइल पर मिलाकर उनसे बात करवाई तो पता चला कि बेटियाँ सुबह से traai कर रही हैं और हार कर जब भाई के मोबाइल पर किया तो पता चला कि वे तो घर में नहीं है और कहा कि बेसिक पर मिला कर बात कर लो. उस समय उन्होंने अपनी सारी बेटियों से बात की . उन्हें जो सुकून मिला यह तो उनकी आत्मा ही जानती है लेकिन मुझे जो सुकून मिला वह मैं बयान नहीं कर सकती . मैंने ईश्वर से यही कहा कि हे ईश्वर ऐसी मजबूरी किसी माँ को न दे.