tag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post5328071574318988666..comments2023-10-14T03:24:46.816-07:00Comments on यथार्थ: अपनी पसंद !रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-69190202952765839592012-10-07T21:24:39.682-07:002012-10-07T21:24:39.682-07:00बेटियों की चाहना कब होगी ? जबकि बेटियाँ न हों तो ...बेटियों की चाहना कब होगी ? जबकि बेटियाँ न हों तो सृष्टि ही खत्म हो जाए । <br /><br />इससे अच्छी तो शायद पहली पीढ़ी ही थी ... हमारे घर में ही मेरे एक चाचाजी और एक मामा जी के जब संतान नहीं हुई तो उन दोनों ने ही बेटियों को गोद लिया था ... संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-5047193353998192252012-10-06T23:21:10.983-07:002012-10-06T23:21:10.983-07:00शिक्षित सोच भी उतनी ही प्रदूषित है जितनी अशिक्षित....शिक्षित सोच भी उतनी ही प्रदूषित है जितनी अशिक्षित. इसके परिणाम याँ दुष्परिणाम तो सामने आने वाले ही जब लड़कों के लिये लड़की मिलना भी दूभर हो जायेगा.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-61351929419788476272012-10-04T22:00:04.678-07:002012-10-04T22:00:04.678-07:00कई बार लगता है कि समाज की सोच में परिवर्तन हुआ है ...कई बार लगता है कि समाज की सोच में परिवर्तन हुआ है , मगर अनगिनत बार यही होता है कि हम घूम फिर कर वहीं पहुँच जाते हैं . <br />अभी कुछ दिनों पहले ही जयपुर में बैग में डालकर एक नवजात कन्या छोड़ी गयी, एक्स्ट्रा डायपर और अन्य समान के साथ ...पता नहीं किसकी क्या मजबूरी रही होगी ...बच्चे तो मेरे पीछे पड़ गये कि उस कन्या को अपने घर ले आओ ...ईश्वर उसे स्वस्थ रखे !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-28794300859504758102012-10-04T10:33:58.192-07:002012-10-04T10:33:58.192-07:00मन दुखता है ऐसी बातें सुनकर.....
जाने कब मानसिक रू...मन दुखता है ऐसी बातें सुनकर.....<br />जाने कब मानसिक रूप से शिक्षित होंगे लोग....<br /><br />सादर<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-13467786986844281482012-10-04T05:15:40.709-07:002012-10-04T05:15:40.709-07:00इस मानसिकता का कोई इलाज़ नहीं है, बेटा होने की सूच...इस मानसिकता का कोई इलाज़ नहीं है, बेटा होने की सूचना देने बेटी होने की सूचना देने और लेने में बड़ा फर्क है ... खुद को कंसोल करते सब- सब भगवान् का ही दिया है...क्या फर्क ! मेरी बेटी ही बेटा निकलेगी - सोच अपनी अपनी बदलनी है,समाज की नहीं रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-62281185218130284462012-10-04T04:40:38.255-07:002012-10-04T04:40:38.255-07:00अरे ऐसे संवेदनहीन इंसानों को बच्चा चाहिए ही क्यों ...अरे ऐसे संवेदनहीन इंसानों को बच्चा चाहिए ही क्यों ..आपका गुस्सा जायज़ है.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-67116121803319758792012-10-04T04:20:12.935-07:002012-10-04T04:20:12.935-07:00बेहद शर्मनाक और संकीर्ण मानसिकता का उदहारण हैं ऐसे...बेहद शर्मनाक और संकीर्ण मानसिकता का उदहारण हैं ऐसे लोग, यह लड़के और लड़की का भेद हमारे समाज से न कभी मिटा है न मिटेगा। चाहे लोग कितने भी पढे लिखे क्यूँ न हो जाये, मगर लड़के से ही वंश चलता है जैसी सोच उन्हें लड़की होने से संतुष्ट नहीं कर पाती। इसलिए कोई खुलकर कहे न कहे मगर लड़के की चाहत सभी के दिलों में रहती है और शायद कुछ हद तक पारिवारिक दबाव भी जिसके चलते लोग लड़का चाहने लगते है,यहाँ तक कि जिन लोगों को पहली संतान लड़की हो और वह उसका बहुत ही अच्छे से पालन पोषण क्यूँ न कर रहे हों, मगर उनकी दूसरी संतान लड़का ही हो यह इच्छा उनकी सदैव रहा करती है। <br />यूं देखा जाये तो आज कल केवल एक ही संतान चाहते हैं लोग लेकिन ऐसे बहुत कम परिवार मिलेंगे जहां प्रथम संतान लड़की हो और उन्होने आगे और संतान न होने या करने का फैसला लिया हो। जबकि जिन परिवारों में प्रथम संतान लड़का होता है उन्हें दुबारा संतान हो या ना हो कोई खास फर्क नहीं पड़ता।Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-88598677428213635602012-10-04T04:05:41.122-07:002012-10-04T04:05:41.122-07:00 आज भी पीढियों की सोच इस कदर हावी है कि शिक्षित हो... आज भी पीढियों की सोच इस कदर हावी है कि शिक्षित होते हुये भी लोग अशिक्षित ही हैं। आपने सही जवाब दिया।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com