tag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post338740691951634158..comments2023-10-14T03:24:46.816-07:00Comments on यथार्थ: क़ानून और जिन्दगी !रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-70265909354215296952010-09-03T03:30:58.515-07:002010-09-03T03:30:58.515-07:00बिलकुल सही कहा आपने....मुझे भी यह बात बड़ा क्षुब्ध...बिलकुल सही कहा आपने....मुझे भी यह बात बड़ा क्षुब्ध करती है...<br />लेकिन ये नियम क़ानून केवल आम आदमी के लिए है...कभी आपने हमने सुना है कि कोई नेता या रसूख वाला आदमी इस तरह के दुर्घटना में घायल हुआ और उसे ऍफ़ आई आर के लिए इन्तजार करना पड़ा हो...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-65822772232527975832010-09-02T08:22:48.669-07:002010-09-02T08:22:48.669-07:00@रेखा जी
मैं आपको हम सबके साझा ब्लॉग का membe...@रेखा जी <br /><br />मैं आपको हम सबके साझा ब्लॉग का member और follower बनने के लिए सादर आमंत्रित करता हूँ, आप जैसे लोगों की इस ब्लॉग को नितांत आवश्यकता है <br /><br />http://blog-parliament.blogspot.com/<br /><br />कृपया इस ब्लॉग का member व् follower बनने से पहले इस ब्लॉग की सबसे पहली पोस्ट को ज़रूर पढ़ें <br /><br />धन्यवाद <br /><br />महकMahakhttps://www.blogger.com/profile/11844015265293418272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-58284544576834395992010-09-02T08:20:38.898-07:002010-09-02T08:20:38.898-07:00क़ानून अपने स्थान पर सही है लेकिन ये कैसा कानून ki ...<b> क़ानून अपने स्थान पर सही है लेकिन ये कैसा कानून ki मरते हुए की सहायता करने में भी परेशान किया जाय.</b> <br /><br />आपसे पूर्णतः सहमत हूँ <br /><br />महकMahakhttps://www.blogger.com/profile/11844015265293418272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-35320264192874037562010-09-01T21:51:20.765-07:002010-09-01T21:51:20.765-07:00आपको एवं आपके परिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की ह...आपको एवं आपके परिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें !<br /> बहुत बढ़िया ! उम्दा प्रस्तुती!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-82941851712448201792010-08-29T23:59:51.071-07:002010-08-29T23:59:51.071-07:00समीर जी ने कितनी सही बात कही। अरे भाई प्रथम सूचना ...समीर जी ने कितनी सही बात कही। अरे भाई प्रथम सूचना ही तो देनी है ना, क्या जरूरी कि यह थाने को दी जाये। वैसे इस विषय में इतनी जटिलता है नहीं जितनी समझी जाती है। अस्पताल एफआइआर के अभाव में इलाज करने से मना नहीं कर सकता है। जहॉं तक घायल को पहुँचाने का प्रश्न है, पहुँचाने वाले के लिये बंधनकारी नहीं है कि वह इस विषय में बयान दे, आवश्यकता तत्संबंधी कानून के सही रूप को प्रचारित करने की है।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-84854600160951480072010-08-26T22:16:50.867-07:002010-08-26T22:16:50.867-07:00सार्थक चिंतन,
मै पुर्णतः सहमत हूँ .सार्थक चिंतन,<br />मै पुर्णतः सहमत हूँ .SATYAhttps://www.blogger.com/profile/17480899272176053407noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-77996050786231409772010-08-25T08:36:38.832-07:002010-08-25T08:36:38.832-07:00AAPNE BAHUT HI JWALANT VISHAY PAR APNI BAAT KAHI H...AAPNE BAHUT HI JWALANT VISHAY PAR APNI BAAT KAHI HAI .. LEKH PADHKAR BAHUT ACCHA LAGA ..<br /><br />SAMEER JI SE SAHMAT HON.<br /><br />VIJAY<br />आपसे निवेदन है की आप मेरी नयी कविता " मोरे सजनवा" जरुर पढ़े और अपनी अमूल्य राय देवे...<br />http://poemsofvijay.blogspot.com/2010/08/blog-post_21.htmlvijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-55531116929592117132010-08-25T04:22:26.966-07:002010-08-25T04:22:26.966-07:00Sameer ji ka sujhaav bahut uttam hai ... vaise ila...Sameer ji ka sujhaav bahut uttam hai ... vaise ilaaj to turant hona hi chaahiye ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-73881700277825709742010-08-24T22:53:44.916-07:002010-08-24T22:53:44.916-07:00समीर जी से सहमत,.... यहाँ जरुरत होती है ,मानवता की...समीर जी से सहमत,.... यहाँ जरुरत होती है ,मानवता की ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-80320842105344572402010-08-24T19:50:10.159-07:002010-08-24T19:50:10.159-07:00बहुत अच्छी प्रस्तुति।
*** भारतीय एकता के लक्ष्य क...बहुत अच्छी प्रस्तुति। <br />*** भारतीय एकता के लक्ष्य का साधन हिंदी भाषा का प्रचार है! उपयोगी सामग्री।राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-18212913445846201042010-08-24T17:31:12.199-07:002010-08-24T17:31:12.199-07:00आप सभी को रक्षाबंधन कि मेरी शुभकामनाएं.
राज जी,
...आप सभी को रक्षाबंधन कि मेरी शुभकामनाएं.<br />राज जी,<br /> हम विदेशों कि नक़ल करना तो जानते हैं लेकिन उन विषयों पर जिनका जीवन में उतना सार्थक उपयोग नहीं है. सार्थक पहलुओं पर सोचने के लिए हमारे पास वक्त नहीं है. अगर चुनाव होंगे तो मंदिर या मस्जिद बनने लगेगी , सांसदों को खुश करने के लिए वेतन भत्ते बढ़ेंगे . आम आदमी मरता है तो मर जाए उनकी कुर्सी सलामत रहनी चाहिए. यहाँ राजनीतिक नेता जीवित इंसां की जिन्दगी सलामती के लिए कुछ नहीं कर सकते हैं, हाँ मरे हुओं के बुत बना कर उन्हें अमर करने में करोड़ों खर्च कर सकते हैं.<br />--रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-35756143931168356712010-08-24T17:25:07.984-07:002010-08-24T17:25:07.984-07:00समीर जी,
आपका कथन और सलाह बिल्कुल...समीर जी,<br /> आपका कथन और सलाह बिल्कुल उचित है और आवश्यक भी, लेकिन ये भारत है यहाँ अगर वेतन बढ़वाने हों तो हड़ताल हो जाएगी और ऐसे कामों के लिए कोईनहीं sunta<br />, जब कोई अपना मरेगा तब समझ आएगी कि ये क्या होता है? हम तो इस बारे में आपकी ही तरह पत्र लिखने कि मुहिम उठा रहे हैं और हर स्तर पर प्रयास करने कि ठानी है शायद अगली पीढ़ी के ज़माने में ये सुविधा प्राप्त होजाये.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-75476837320914028572010-08-24T11:37:42.101-07:002010-08-24T11:37:42.101-07:00आपने उस विषय को उठाया है जिसे हम हर दूसरे दिन अपने...आपने उस विषय को उठाया है जिसे हम हर दूसरे दिन अपने आसपास होते देख रहे हैं. कानून आदमी की सुरक्षा के लिए बनाया गया था पर.......<br />पिछले कुछ सालों पूर्व उरई में एक घटना घटी जहाँ सड़क हादसे में मदद करने वाले को पुलिस ने पकड़ कर उसी पर केस दर्ज कर दिया वो तो गनीमत है की कुछ लोगों के हस्तक्षेप करने से वो बच पाया.<br />इसी तरह की घटनाएं लोगों को मदद से दूर कर रही हैं.शब्दकार-डॉo कुमारेन्द्र सिंह सेंगरhttps://www.blogger.com/profile/12857188651209037475noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-89673858210335893592010-08-24T10:59:07.152-07:002010-08-24T10:59:07.152-07:00ईमेर्जेंसी मै तो इलाज फ़टा फ़ट करना चाहिये, लेकिन पत...ईमेर्जेंसी मै तो इलाज फ़टा फ़ट करना चाहिये, लेकिन पता नही किस ने देशी दारू पी कर यह कानून बना दिया कि पहले जल्ल्दो के पास जा कर पुलिस रिपोर्ट लिखवाओ, मेरा खुद का ऎकंसी डॆंड हुआ था भारत मै पिछले साल, लोगो ने तो बहुत मदद की लेकिन ढाई घंटॆ तक ना पुलिस ओर ना ही ऎम्बुलेंस ही आई, वो तो किस्मत अच्छी थी कोई चोट वोट नही आई.... हम बात बात मै इन गोरो की नकल करते है तो इस बात मै भी हमे गोरो की नकल करनी चाहिये, एकंसीडॆंट होते ही सब से पहले डाकटर एमबुलेंस के साथ पहुचेगा, अगर खतरा है तो पांच मिंट मे हेलीकापटर पहुच जायेगा, सब से पहले इलाज होगा, फ़िर पुलिस पुछ ताछ करती रहे,<br />आप को राखी की बधाई और शुभ कामनाएं.राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-82177988001033680472010-08-24T08:31:08.255-07:002010-08-24T08:31:08.255-07:00सार्थक चिंतन ..समीर जी का सुझाव अच्छा और सही दिशा...सार्थक चिंतन ..समीर जी का सुझाव अच्छा और सही दिशा दिखाता लगा ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-29527863827374070072010-08-24T07:02:43.979-07:002010-08-24T07:02:43.979-07:00सहमत.
आपको रक्षाबंधन पर्व की हार्दिक शुभकामनांए.सहमत.<br /><br />आपको रक्षाबंधन पर्व की हार्दिक शुभकामनांए.36solutionshttps://www.blogger.com/profile/03839571548915324084noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-45422461947872399862010-08-24T06:57:38.628-07:002010-08-24T06:57:38.628-07:00मै श्री समीर लाल जी पुर्णतः सहमत हूँ . सबसे पहले ज...मै श्री समीर लाल जी पुर्णतः सहमत हूँ . सबसे पहले जान बचायी जानी चाहिए.ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-68898596648308425002010-08-24T06:34:47.445-07:002010-08-24T06:34:47.445-07:00मुझे व्यक्तिगत तौर पर यह प्रोसेस हमेशा परेशान करती...मुझे व्यक्तिगत तौर पर यह प्रोसेस हमेशा परेशान करती रही है. मुझे लगता है कि एकसिडेन्ट के स्पेसिफिक केसेस के लिए डॉक्टरों या कप्पाऊन्डरों को एफ आई आर लिखने का अधिकार दे देना चाहिये एक फिक्स फार्मेट में, जिसे पुलिस केस का हिस्सा माना जाये. (पुलिस का सिपाही भी शिक्षा में इनसे कम ही होता है)<br /><br />इस तरह कम से कम इलाज और भरती तो त्वरित हो जायेगी.<br /><br />एक बार भारत सरकार को यह सलाह भेजी भी थी मगर जाने किन फाईलों में धूल खा रही होगी.<br /><br />अच्छा चिन्तन.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com