tag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post4672685000848940404..comments2023-10-14T03:24:46.816-07:00Comments on यथार्थ: कुछ ऐसे भी हैं?रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-32105901046500505302010-09-06T05:51:56.764-07:002010-09-06T05:51:56.764-07:00ऐसी गलती कभी-कभी इंसान से बगैर सोचे-समझे बोलने के ...ऐसी गलती कभी-कभी इंसान से बगैर सोचे-समझे बोलने के कारण भी हो जाती है, जहाँ उसका उद्देश्य किसी का दिल दुखाना कतई नहीं होता। इसीलिए कहते हैं कि पहले अपने शब्दों को हृदय रूपी तराजू में तोलने के बाद ही मुख से निकालना चाहिए।vishalhttps://www.blogger.com/profile/12747208755957238186noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-19035869294643128912010-06-23T18:09:16.049-07:002010-06-23T18:09:16.049-07:00साथियो, आभार !!
आप अब लोक के स्वर हमज़बान[http://h...साथियो, आभार !!<br />आप अब लोक के स्वर हमज़बान[http://hamzabaan.feedcluster.com/] के /की सदस्य हो चुके/चुकी हैं.आप अपने ब्लॉग में इसका लिंक जोड़ कर सहयोग करें और ताज़े पोस्ट की झलक भी पायें.आप एम्बेड इन माय साईट आप्शन में जाकर ऐसा कर सकते/सकती हैं.हमें ख़ुशी होगी.<br /><br />स्नेहिल <br />आपका <br />शहरोज़शेरघाटीhttps://www.blogger.com/profile/12003123660549394986noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-5672530795731212392010-06-14T03:49:19.853-07:002010-06-14T03:49:19.853-07:00आज उपर से तो कितने ही लोग रहन सहन में चमक ले आये ह...आज उपर से तो कितने ही लोग रहन सहन में चमक ले आये है लेकिन ऐसे लोगो की सोच हमेशा से घटिया रहती है<br />और असल सवाल सोच का ही होता है जो आपको आपकी सही परवरिश से ही मिलती है |<br />सचमुच" यथार्थ "है |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-5111834747798876282010-06-13T22:42:06.779-07:002010-06-13T22:42:06.779-07:00वंदना ,
तुम्हारा कहना सही है, हम...वंदना ,<br /><br /> तुम्हारा कहना सही है, हम अपने दायरे में इस तरह कि घटनाओं से दो चार हुआ करते हैं. ये न व्यक्ति की superiority complex का नतीजा होता है. जो वास्तव मेंsuperior होते हैं वे उसकी नुमाइश नहीं करते बल्कि वे और विनम्र होते हैं.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-66682792260925462842010-06-13T04:49:46.528-07:002010-06-13T04:49:46.528-07:00क्या कहों इस पोस्ट पर? पता नहीं कितनी ही महिलायें ...क्या कहों इस पोस्ट पर? पता नहीं कितनी ही महिलायें ऐसी हैं, जिनकी वजह से हम सब पर " औरताना सोच" का ठप्पा लग जाता है. मेरी भी एक सहकर्मी कुछ ऐसे ही हालात वाली थीं, एक अन्य अध्यापिका ने एक दिन उनके पति की तनख्वाह पूछी. बेचारी उस सज्जन महिला ने बता दी तो वे अध्यापिका महोदया तुरन्त अपन बड़प्प्न बघारते हुए बोलीं" अरे बाप रे!! कैसे घर चला लेतीं हैं आप? मेरे बच्चे तो बिना मक्खन-मलाई के ब्रेड तक नहीं खाते...."<br />क्या कहूं इस बीमार मानसिकता को??वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-53144603031283775282010-06-12T18:53:51.639-07:002010-06-12T18:53:51.639-07:00पैसे से इंसान अपना स्तर तो बड़ा सकता है लेकिन उसका...पैसे से इंसान अपना स्तर तो बड़ा सकता है लेकिन उसका मानसिक स्तर और सोच सिर्फ और सिर्फ उसके संस्कारों से ही बनती है...<br />शत प्रतिशत सहमत ...!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-27462759196016275732010-06-12T12:08:39.898-07:002010-06-12T12:08:39.898-07:00पैसे से इंसान अपना स्तर तो बड़ा सकता है लेकिन उसका...पैसे से इंसान अपना स्तर तो बड़ा सकता है लेकिन उसका मानसिक स्तर और सोच सिर्फ और सिर्फ उसके संस्कारों से ही बनती है.<br />बहुत सही बात !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-63284258503135886662010-06-12T10:31:34.777-07:002010-06-12T10:31:34.777-07:00roj-marra ki offices ki zindgi ki kisi ghatna ko a...roj-marra ki offices ki zindgi ki kisi ghatna ko acche shabdo ka jama pahnana...acchha laga.<br /><br />sach aisa hi hota he ki kayi baate jas ki tas rah jati he dimag me.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-37347641258001806642010-06-12T10:29:32.477-07:002010-06-12T10:29:32.477-07:00"पैसे से इंसान अपना स्तर तो बड़ा सकता है लेकि..."पैसे से इंसान अपना स्तर तो बड़ा सकता है लेकिन उसका मानसिक स्तर और सोच सिर्फ और सिर्फ उसके संस्कारों से ही बनती है." समाजशास्त्री इसे nouveau riche (नवधनाड्य) के सटीक नाम से पुकारते हैं.Kajal Kumarhttps://www.blogger.com/profile/00998541605207954925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-57332006939251704062010-06-12T10:18:39.859-07:002010-06-12T10:18:39.859-07:00सही बात को बहुत अच्छी तरह से कहा है...प्रेरणादायक....सही बात को बहुत अच्छी तरह से कहा है...प्रेरणादायक...जेवण में किस तरह दूसरों से व्यवहार करना चाहिए इसकी सीख देता हुआ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-68154872436885138052010-06-12T10:05:21.695-07:002010-06-12T10:05:21.695-07:00waah bahut achchi baat batayi...zindagi haarne wal...waah bahut achchi baat batayi...zindagi haarne walon ke liye nahi hai...dhairy rakho aur aage badho...bulandi tumhare pairon me padi hogi...दिलीपhttps://www.blogger.com/profile/15304203780968402944noreply@blogger.com