tag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post4271912356545998422..comments2023-10-14T03:24:46.816-07:00Comments on यथार्थ: क्या चाहता है समाज ?रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-72659752838206798422012-07-10T22:19:27.779-07:002012-07-10T22:19:27.779-07:00is samaaj main ki vidambna yehi ki aurat ki kimat ...is samaaj main ki vidambna yehi ki aurat ki kimat uske tyaag se aanki jaati hai bhale hi usne apni saari ichhayen aansuon ke peechhe chhupa li hon.....abla jivan...............veenahttps://www.blogger.com/profile/00619020232182875576noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-48683220909105641812012-06-30T20:50:12.125-07:002012-06-30T20:50:12.125-07:00रेखा जी सच कह रही है आप, एक विधवा ऐसा निरीह प्राणी...रेखा जी सच कह रही है आप, एक विधवा ऐसा निरीह प्राणी है जिसको पुरुष अपने फायदे के लिये याद करते है और महिलाएं उसको ताने मारने के लिये.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-5838115701391413082012-06-29T03:14:24.448-07:002012-06-29T03:14:24.448-07:00वन्दना ने आपकी पोस्ट " क्या चाहता है समाज ? &...वन्दना ने आपकी पोस्ट " क्या चाहता है समाज ? " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:<br /><br />इसी सोच ने ना जाने कितने जीवन तहस नहस कर दिये और यही सोच बीज रूप मे रोपित होती रही मगर अब बदलाव आना शुरु हुआ है चाहे रफ़्तार कम है मगर सब समझने लगे हैं कि क्या सही है और क्या गलत्।रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-30193278944791334102012-06-29T03:13:01.307-07:002012-06-29T03:13:01.307-07:00Anupama Tripathi ने आपकी पोस्ट " क्या चाहता ह...Anupama Tripathi ने आपकी पोस्ट " क्या चाहता है समाज ? " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:<br /><br />समाज का ये कठोर रूप .....पढ़ कर मन सोच मे डूब गया ...पर अब लगता है कुछ परिवर्तन तो हो रहा है ...रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-38040069885496050942012-06-29T03:09:35.773-07:002012-06-29T03:09:35.773-07:00हाँ अजय जी अपने बहुत अच्छा प्रश्न किया है वह अघोषि...हाँ अजय जी अपने बहुत अच्छा प्रश्न किया है वह अघोषित सी सीमा रेखा जो अगर मेरे शादी के पहले वी रेखा होती तो शायद लांघ जाती लेकिन शादी के बाद नए लोग और नए माहौल में खुद को स्थापित करने में कुछ समय लगता है और इसी स्थापन के लिए पैर बाँध लिए थे.<br /> उसके बाद मैं अपने मूल्यों और सिद्धांतों के लिए किसी से भी समझौता नहीं करती. एक विधवा लड़की जो मेरी जेठानी की बहू थी उसकी पहली शादी और बेटे के मृत्यु के बाद ६ माह के बेटे की माँ का विवाह उसके देवर से करवाने में मैंने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. और वह बहू मेरी आज बेटी से भी बढ़ कर है.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-16802826212066717592012-06-29T00:01:22.443-07:002012-06-29T00:01:22.443-07:00इसी सोच ने ना जाने कितने जीवन तहस नहस कर दिये और य...इसी सोच ने ना जाने कितने जीवन तहस नहस कर दिये और यही सोच बीज रूप मे रोपित होती रही मगर अब बदलाव आना शुरु हुआ है चाहे रफ़्तार कम है मगर सब समझने लगे हैं कि क्या सही है और क्या गलत्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-27363701370575285892012-06-28T19:44:27.531-07:002012-06-28T19:44:27.531-07:00आपकी बात से पूरी तरह सहमत हैं और शायद नज़रिए से भी ...आपकी बात से पूरी तरह सहमत हैं और शायद नज़रिए से भी । लेकिन सबसे बडा सवाल तो फ़िर वहीं आ जाता है कि , जिसकी लडाई है पहल तो उसे खुद करनी होगी और" ऐसा समाज ठेंगे पे " वाली तर्ज़ पर करनी होगी । <br /><br />अच्छा एक बात बताइए , आप छ; महीने तक अपनी साथिनों , परिवारजनों के कहने समझाने पर उस बहू से मिलने नहीं जा पाईं । वो जो एक अघोषित सी सीमा रेखा खींच दी जाती है अक्सर उसे पार करने में ही एक उम्र बीत जाती है , यही सबसे बडा सच है । प्रभावित करता आलेख , विमर्श होते रहना चाहिए । शुक्रियाअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-383273595924280262012-06-28T18:50:21.656-07:002012-06-28T18:50:21.656-07:00बहुत अच्छी प्रस्तुति. समयोचित भी है.बहुत अच्छी प्रस्तुति. समयोचित भी है.पुरुषोत्तम पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/01590298232558765226noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-68989454652519469192012-06-28T07:45:29.117-07:002012-06-28T07:45:29.117-07:00समाज का ये कठोर रूप .....पढ़ कर मन सोच मे डूब गया ...समाज का ये कठोर रूप .....पढ़ कर मन सोच मे डूब गया ...पर अब लगता है कुछ परिवर्तन तो हो रहा है ...Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-55788075652111181782012-06-28T05:10:56.246-07:002012-06-28T05:10:56.246-07:00आपने समस्या को सही रूप में उठाया है.
आर्थिक रूप स...आपने समस्या को सही रूप में उठाया है.<br /><br />आर्थिक रूप से संपन्न शादीशुदा मर्द एक एक विधवा को भी सहारा दे दें तो विधवाओं को भी जीवन की खुशियां मिल सकती हैं।<br /><br />महापुरुष वही है जसने विधवाओं से विवाह करने के लिए कहा हो और खुद करके दिखाया हो. ऐसे महापुरुष का अनुसरण करना समाज का अनिवार्य कर्तव्य है.<br />इस विषय पर हमने लिखा है -<br /><a href="http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/BUNIYAD/entry/%E0%A4%B5-%E0%A4%A7%E0%A4%B5-%E0%A4%93-%E0%A4%95-%E0%A4%B8-%E0%A4%B9-%E0%A4%97%E0%A4%A8-%E0%A4%B9-%E0%A4%A8-%E0%A4%A6" rel="nofollow"><b>विधवाओं को सुहागन होने दो<br /></b></a>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-36029764626367886532012-06-28T05:10:55.966-07:002012-06-28T05:10:55.966-07:00आपने समस्या को सही रूप में उठाया है.
आर्थिक रूप स...आपने समस्या को सही रूप में उठाया है.<br /><br />आर्थिक रूप से संपन्न शादीशुदा मर्द एक एक विधवा को भी सहारा दे दें तो विधवाओं को भी जीवन की खुशियां मिल सकती हैं।<br /><br />महापुरुष वही है जसने विधवाओं से विवाह करने के लिए कहा हो और खुद करके दिखाया हो. ऐसे महापुरुष का अनुसरण करना समाज का अनिवार्य कर्तव्य है.<br />इस विषय पर हमने लिखा है -<br /><a href="http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/BUNIYAD/entry/%E0%A4%B5-%E0%A4%A7%E0%A4%B5-%E0%A4%93-%E0%A4%95-%E0%A4%B8-%E0%A4%B9-%E0%A4%97%E0%A4%A8-%E0%A4%B9-%E0%A4%A8-%E0%A4%A6" rel="nofollow"><b>विधवाओं को सुहागन होने दो<br /></b></a>DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.com