tag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post4158835031312271418..comments2023-10-14T03:24:46.816-07:00Comments on यथार्थ: संस्कृति - संस्था - संस्कार !रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-51349403368210690222010-03-23T10:49:36.741-07:002010-03-23T10:49:36.741-07:00रिश्ते हमेशा जोड़ने से ही जुड़ते हैं, लेकिन आज रिश...रिश्ते हमेशा जोड़ने से ही जुड़ते हैं, लेकिन आज रिश्तों की अहमियत कम होती जा रही है, तकलीफ़देह है ये. मार्मिक, यथार्थ का परिचय कराती पोस्ट.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-40564404282385490402010-03-23T10:33:21.013-07:002010-03-23T10:33:21.013-07:00यह उपभोगतावाद हमसे क्या क्या न कराये!!लेकिन हम अपन...यह उपभोगतावाद हमसे क्या क्या न कराये!!लेकिन हम अपने विवेक से च्युत क्यों होते जा रहे हैं...अत्यंत विचार की मांग करती पोस्ट!شہروزhttps://www.blogger.com/profile/02215125834694758270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-46005361888200488152010-03-23T04:16:56.460-07:002010-03-23T04:16:56.460-07:00रेखा दी ...बहुत ही मार्मिक दृश्य उकेर डाला आपने......रेखा दी ...बहुत ही मार्मिक दृश्य उकेर डाला आपने...यह क्या होता जा रहा है,मानव जाति को?..एक माँ ऐसा कर सकती है?...बहुत मुश्किल हो रहा है..लोगों को समझना...सही कहा है आपने... ये विवेक मनुष्य के श्रेष्ठ प्राणी होने का प्रतीक है, उसके अतिरिक्त ये गुण किसी में नहीं होता, जीवन के कुछ निर्णय विवेक से लिए जाएँ तो बहुत सी घटनाएँ , दुर्घटनाएं और त्रासदियों को बचाया जा सकता है.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-30179256280479019852010-03-23T04:16:54.988-07:002010-03-23T04:16:54.988-07:00रेखा दी ...बहुत ही मार्मिक दृश्य उकेर डाला आपने......रेखा दी ...बहुत ही मार्मिक दृश्य उकेर डाला आपने...यह क्या होता जा रहा है,मानव जाति को?..एक माँ ऐसा कर सकती है?...बहुत मुश्किल हो रहा है..लोगों को समझना...सही कहा है आपने... ये विवेक मनुष्य के श्रेष्ठ प्राणी होने का प्रतीक है, उसके अतिरिक्त ये गुण किसी में नहीं होता, जीवन के कुछ निर्णय विवेक से लिए जाएँ तो बहुत सी घटनाएँ , दुर्घटनाएं और त्रासदियों को बचाया जा सकता है.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.com