tag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post3982496816537147518..comments2023-10-14T03:24:46.816-07:00Comments on यथार्थ: कुम्भ : एक पक्ष ये भी !रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-51729456107770622422013-03-09T22:41:43.398-08:002013-03-09T22:41:43.398-08:00बहुत खूब सार्धक
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामना...बहुत खूब सार्धक <br />महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ ! सादर <br />आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में <br /><a href="http://dineshpareek19.blogspot.in/2013/03/blog-post_10.html" rel="nofollow"><b>अर्ज सुनिये</b></a><br />कृपया मेरे ब्लॉग का भी अनुसरण करे Dinesh pareekhttps://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-87711608007377680752013-03-02T22:09:21.237-08:002013-03-02T22:09:21.237-08:00स्वार्थी मन के स्वार्थी कदम.स्वार्थी मन के स्वार्थी कदम.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-65041146548029959262013-03-02T12:13:26.900-08:002013-03-02T12:13:26.900-08:00क्या कहें!क्या कहें!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-91285515884120749952013-03-02T05:27:16.142-08:002013-03-02T05:27:16.142-08:00हे भगवान .. क्या वाकई ऐसा होता है ..हद्द है ये तो....हे भगवान .. क्या वाकई ऐसा होता है ..हद्द है ये तो.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-87243669161705497562013-03-02T04:27:53.511-08:002013-03-02T04:27:53.511-08:00एक बार एक किसान बहुत बूढ़ा होने के कारण खेतों में ...एक बार एक किसान बहुत बूढ़ा होने के कारण खेतों में काम नहीं कर सकता था।<br />वह सारा दिन खेत के किनारे पेड़ की छाँव में बैठा रहता था।<br />उसका बेटा खेत में काम करता रहता और रह-रह के सोचता कि उसके पिता का जीवन व्यर्थ है क्योंकि वह अब कोई काम करने लायक नहीं रहा। यह सोच-सोच कर उसका बेटा एक दिन इतना दुखी हो गया कि उसने<br />लकड़ी का एक ताबूत बनाया और उसे घसीट कर पेड़ के पास ले गया। उसने<br />अपने पिता को उस ताबूत में लेटने के लिए कहा। किसान एक शब्द भी बोले<br />बिना उस ताबूत में लेट गया।<br /><br />ताबूत का ढक्कन बंद करके बेटा ताबूत को घसीटता हुआ खेत के किनारे ले<br />गया जहाँ एक गहरी खाई थी। जैसे ही बेटा ताबूत को खाई में फैंकने लगा,<br />ताबूत के अंदर से पिता ने उसे पुकारा।<br />बेटे ने ताबूत खोला तो अंदर लेटे उसके पिता ने शांत भाव से कहा कि मैं<br />जानता हूँ कि तुम मुझे खाई में फैंकने वाले हो पर उससे पहले मैं तुम्हें कुछ<br />कहना चाहता हूँ। बेटे ने पूछा कि अब क्या है? तब उसके पिता ने कहा कि तुम<br />चाहो तो बेशक मुझे खाई में फैंक दो पर इस बढ़िया ताबूत को नहीं फैंको।<br /><br />भविष्य में तुम्हारे बूढ़े होने पर तुम्हारे बच्चों को इसकी जरुरत पड़ेगी ।नीलिमा शर्मा Neelima Sharma https://www.blogger.com/profile/15015116506093296186noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-47035931053373774972013-03-02T04:16:28.821-08:002013-03-02T04:16:28.821-08:00हां दीदी. तमाम लोग ऐसा करते हैं. पुण्य कमाने जाते ...हां दीदी. तमाम लोग ऐसा करते हैं. पुण्य कमाने जाते हैं, पाप कमा के लौटते हैं.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-61048806099137265232013-03-02T04:10:35.748-08:002013-03-02T04:10:35.748-08:00अपने आने वाले कल का ख्याल नही आया उनको जो अपने बी...अपने आने वाले कल का ख्याल नही आया उनको जो अपने बीते कल को आज त्याग कर कुम्भ में छोड़े जा रहे हैं ..... समाज र सातल में जा रहा हैं .गरीब धन से नही मन से भी हो रहे हैं लोग .....मार्मिक एवं कटु सत्य नीलिमा शर्मा Neelima Sharma https://www.blogger.com/profile/15015116506093296186noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-90673593781765435222013-03-01T21:26:13.824-08:002013-03-01T21:26:13.824-08:00 दोष कुंभ मेले का नहीं, उस संतान की ओछी मानसिकता ह... दोष कुंभ मेले का नहीं, उस संतान की ओछी मानसिकता है,जो एक मौका या बहाना खोज रही थी की कहाँ,अपना बोझा फेंक आयें! प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-88508780844820193362013-03-01T17:36:10.086-08:002013-03-01T17:36:10.086-08:00दुखद और शर्मनाक विचारणीय स्थिति
Gyan Darpanदुखद और शर्मनाक विचारणीय स्थिति <br /><a href="http://www.gyandarpan.com/2009/11/about.html" rel="nofollow">Gyan Darpan</a><br />Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-76090214226356995372013-03-01T09:27:46.945-08:002013-03-01T09:27:46.945-08:00आज हम इतने स्वार्थी हो गए हैं कि अपने अलावा किसी क...आज हम इतने स्वार्थी हो गए हैं कि अपने अलावा किसी के बारे में नहीं सोचते...बहुत दुखद और शर्मनाक स्तिथि...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-17769220690315884532013-03-01T03:06:41.390-08:002013-03-01T03:06:41.390-08:00समय ऐसा ही है , कुछ घर में साथ रखकर दुर्दशा करते ह...समय ऐसा ही है , कुछ घर में साथ रखकर दुर्दशा करते हैं तो कुछ ऐसी अटकलें लगाकर !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-38591261623947601892013-03-01T02:34:13.592-08:002013-03-01T02:34:13.592-08:00आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (2-3-2013) के च...आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (2-3-2013) के <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">चर्चा मंच</a> पर भी है ।<br />सूचनार्थ! vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-7244348179479815102013-03-01T01:57:46.449-08:002013-03-01T01:57:46.449-08:00आज का युग ऐसा ही है जो काम का नहीं उसी निकाल फेंको...आज का युग ऐसा ही है जो काम का नहीं उसी निकाल फेंको | प्यार मुहब्बत जैसा आज कुछ मोजूद नहीं है |दुःख की बात है |एस एम् मासूमhttps://www.blogger.com/profile/02575970491265356952noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-77064188239000654732013-03-01T01:15:35.446-08:002013-03-01T01:15:35.446-08:00aaj jo ve apne maa baap ke sath kar rahe hain nahi...aaj jo ve apne maa baap ke sath kar rahe hain nahi jante ki apne kal ke beej bo rahe hain .bachche to vahi karenge jo ve apne maa baap se seekhenge .vaise bhi kaliyug jo n kara de ..एक एक बात सही कही है आपने .सराहनीय अभिव्यक्ति <a href="http://shalinikaushik2.blogspot.com" rel="nofollow">क्या हैदराबाद आतंकी हमला भारत की पक्षपात भरी नीति का परिणाम है ?नहीं ये ईर्ष्या की कार्यवाही . </a> आप भी जानें हमारे संविधान के अनुसार <a href="http://shalinikaushikadvocate.blogspot.com" rel="nofollow">कैग [विनोद राय] मुख्य निर्वाचन आयुक्त [टी.एन.शेषन] नहीं हो सकते </a>Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.com