tag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post3627222174424791987..comments2023-10-14T03:24:46.816-07:00Comments on यथार्थ: कशमकश !रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-88010562896102248772012-07-21T21:20:38.852-07:002012-07-21T21:20:38.852-07:00मेरे हिसाब से वह निर्णय ठीक था. जीवन में ऐसे रंग भ...मेरे हिसाब से वह निर्णय ठीक था. जीवन में ऐसे रंग भी आते हैं.<br /><br />मार्मिक प्रसंग.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-83707634469258425872012-07-17T18:32:38.003-07:002012-07-17T18:32:38.003-07:00हालातों के अनुरुप जैसा उचित लगा..वो किया..बस्स!!हालातों के अनुरुप जैसा उचित लगा..वो किया..बस्स!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-53183278945946200762012-07-17T04:22:20.495-07:002012-07-17T04:22:20.495-07:00मेरा भी मानना है की जब समझदार हो जाय बच्चे तो सच ब...मेरा भी मानना है की जब समझदार हो जाय बच्चे तो सच बताने में हर्ज नहीं ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-15528959932986120232012-07-17T03:10:57.177-07:002012-07-17T03:10:57.177-07:00इस तरह के असमंजस जीवन में कभी कभी बहुत कठिन परिस्थ...इस तरह के असमंजस जीवन में कभी कभी बहुत कठिन परिस्थितियों का निर्माण कर देते हैं ।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-72809224237704021882012-07-17T01:36:09.446-07:002012-07-17T01:36:09.446-07:00संगीता स्वरुप ( गीत ) ने आपकी पोस्ट " कशमकश !...संगीता स्वरुप ( गीत ) ने आपकी पोस्ट " कशमकश ! " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:<br /><br />एक समय के बाद बच्चे को सच बता देना ज़रूरी होता है .... आपने प्रयास किया ....रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-3043994504138529742012-07-17T01:33:00.813-07:002012-07-17T01:33:00.813-07:00मैं आप सब लोगों के सवाल के उत्तर इस तरह से दे सकती...मैं आप सब लोगों के सवाल के उत्तर इस तरह से दे सकती हूँ कि कोई भी लड़की अपने जीवन में अपने पाती को भूल नहीं सकती , ये हालात और भविष्य को देख कर किये हुए समझौते होते हें. वह आज भी संजय की पुण्यतिथि पर एक थाली खाना निकल कर पंडित को भेजती है. इस बात का पता सिर्फ मुझे है या फिर जब मेरी जिठानी थी उनको था. वह भूल कैसे सकती है? लेकिन बच्चों के लिए सब भूलने का नाटक किया करती है. वर्तमान पति को पति के रूप में स्वीकार करना उसके लिए आसान नहीं था लेकिन बच्चे का भविष्य और अपने भविष्य बल्कि कहें कि जो के जो ताने उसने संजय के न रहने पर सुने - उनसे मुक्ति के लिए सास और ससुर के निर्णय को शिरोधार्य किया. बच्चे के बचपन में कोमल मन पर जब वह इन सब बातों को समझने के काबिल नहीं होता है, इतने सारे सवालों से घिर जाता कि वह उलझ कर रह जाता कि दोनों भाई बहन की माँ एक और पिता अलग अलग . उसे संतुष्ट करपाना मुश्किल था और इसका परिणाम ये भी हो सकता था कि वह बच्चा माँ, पिता या बहन के प्रति आक्रामक हो जाता . इस लिए जरूरी था कि उसके समझदार होने पर बताया जाय. हो सकता है कि उसे किसी से पता चला भी हो लेकिन जब उसने समझा तो वह मेरे पास आया.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-48984455989090836832012-07-16T20:24:31.631-07:002012-07-16T20:24:31.631-07:00मेरे देवर की मृत्यु के बाद देवरानी ने दूसरा विवाह ...मेरे देवर की मृत्यु के बाद देवरानी ने दूसरा विवाह कर लिया था पर उसके बेटे को बचपन से ही सब पता है वो हम लोगो से संपर्क बना कर रखता है. मुझे नहीं लगता कि उसके मन में कोई दुविधा है. एक परिचित के यहाँ ठीक आपके यहाँ जैसा हुआ था पर मुझे नहीं मालूम कि बेटे को कुछ पता है या नहीं. <br />एक बात और- पता नहीं आपके यहाँ इतने दिन बच्चे से बात कैसे छुपी रह गयी यहाँ तो पडोसी और रिश्तेदार ये काम करने में देर नहीं करते.शोभाhttps://www.blogger.com/profile/12010109097536990453noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-80661658209457514182012-07-16T18:56:06.635-07:002012-07-16T18:56:06.635-07:00सच मे ...अजीब सा एह्सास हो रहा है ..माँ भी भूल तो ...सच मे ...अजीब सा एह्सास हो रहा है ..माँ भी भूल तो नहीं पायी होगी वो क्षण ...पर समय के साथ चलना ही पड़ता है ...बुद्धिमता वही है ...!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-91087093492042631832012-07-16T11:10:33.237-07:002012-07-16T11:10:33.237-07:00एक समय के बाद बच्चे को सच बता देना ज़रूरी होता है ...एक समय के बाद बच्चे को सच बता देना ज़रूरी होता है .... आपने प्रयास किया ....संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-83004463091207327312012-07-16T07:21:22.539-07:002012-07-16T07:21:22.539-07:00आपसे जो हो सका आपने प्रयास किया....मगर बच्चा कभी स...आपसे जो हो सका आपने प्रयास किया....मगर बच्चा कभी संतुष्ट नहीं होगा.....शायद उसको अपनी माँ से बात कर लेनी चाहिए...वो भी अपने चाचा(पिता )के समक्ष...<br />उससे एक सवाल करें...कि क्या कभी उसने प्यार में कोई कमी पायी????<br />वो खुद समझेगा...<br />और जहाँ तक पिता का नाम चलाने का सवाल है तो उसको कहिये उनका नाम एक अच्छे इंसान के रूप में चलाया जाए....कही दान-पुण्य करें तो उनके नाम से या कोई और अच्छे काम...<br />बच्चे को मन से कनविंस होना ज़रूरी है...<br />सादर<br />अनुANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-47217723920076477202012-07-16T06:09:39.142-07:002012-07-16T06:09:39.142-07:00रेखा दीदी ...इस तरह एक बच्चे को समझाना बहुत ही मुश...रेखा दीदी ...इस तरह एक बच्चे को समझाना बहुत ही मुश्किल होता हैं ...पर आपने ये काम सरलता से किया ...ऐसा कुछ पढ़ने के बाद मन में अजीब सी शांति का एहसास होता हैं ...Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-6152726757694230392012-07-16T03:16:53.220-07:002012-07-16T03:16:53.220-07:00आपका निर्णय सही है।आपका निर्णय सही है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-64217229394780282402012-07-16T03:13:46.206-07:002012-07-16T03:13:46.206-07:00रचना तुमने सही कहा , कुछ ऐसी चीजें होती हें जिन्हे...रचना तुमने सही कहा , कुछ ऐसी चीजें होती हें जिन्हें हम चाह कर भी दुहराना नहीं चाहते हें. वो क्या हालात थे ? उस लड़की को कैसे संभाला था ? ये मेरे सिवा कोई नहीं जानता था. उसे मैंने बहू नहीं उसके बाद से बेटी माना और वह हर बात जो वह अपनी सास से नहीं कहती थी मुझसे शेयर करती थी. हर दुःख और हर दर्द ये सिलसिला आज भी बना हुआ है. बच्चे को बता देना सही थालेकिन उसके बचपन में एक ही मान के दो बच्चे जब एक चाचा कहता और एक पापा तब उनकी मानसिकता क्या सोचने लायक होती है. अपने कार्ड में और पापा का नाम तो बच्चा बचपन से ही पढ़ने लगता है तब जब कि वह कुछ और नहीं समझ पाता है. उस बाल मन को कैसे समझाया जा सकता था? ये बात उसने पहली बार जानी और मेरे पास ही आया क्योंकि वह जानता था कि दादू सारे सच जानती है. लेकिन उसने अपनी माँ से कभी पूछा ही नहीं . जब उसे पता चला तो सीधे मेरे पास आया था. कुछ वजहें ऐसी होती हें जहाँ हम दोराहे पर खड़े होते हें और फिर जो रास्ता सही लगता है उसे ही अपना निर्णय मान लेते हैं.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-22492763119729395482012-07-16T02:42:01.330-07:002012-07-16T02:42:01.330-07:00i think its always natural for the child to find o...i think its always natural for the child to find out who their biological parents were <br /><br />and when they find out they want to know why the truth was hidden <br /><br />but i think its not fair to hide the name of father all together always <br />a person always remains in our memories <br /><br />and if his mother can talk to him and explain it may be she will go thru the trauma again or may be she may feel relieved that ultimately she is not lying to her child <br /><br />i am sure you took a right path but the insecurity of the child is going to be always thereरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.com