tag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post3284995862776458641..comments2023-10-14T03:24:46.816-07:00Comments on यथार्थ: पुत्र ऋण !रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-34295852365062343402009-01-16T05:15:00.000-08:002009-01-16T05:15:00.000-08:00आपका ब्लॉग देखा. बहुत अच्छा लगा. आपके शब्दों को नि...आपका ब्लॉग देखा. बहुत अच्छा लगा. आपके शब्दों को नित नई ऊर्जा मिलती रहे और वे जन साधारण के सरोकारों का समर्थ और सार्थक प्रतीकन करें, यही कामना है.<BR/>कभी समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर भी पधारने की कृपा करें-<BR/>http:www.hindi-nikash.blogspot.com<BR/>सादर-<BR/>आनंदकृष्ण, जबलपुर.hindi-nikash.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/00867013749653703391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-54567694029807415992008-12-28T23:45:00.000-08:002008-12-28T23:45:00.000-08:00नया साल आपको मंगलमय होनया साल आपको मंगलमय होBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-80194425487048121362008-12-15T01:06:00.000-08:002008-12-15T01:06:00.000-08:00आज यही सब नजर आ रहा है।वैसे यह पहले भी था लेकिन बह...आज यही सब नजर आ रहा है।वैसे यह पहले भी था लेकिन बहुत कम था।पिता के प्रति बहुत कम श्रदा भाव रह गया है।अब तो यह और भी घटता जा रहा है।आप ने सही लिखा है-जियत न दीने कौरा, मरे उठाये चौरा।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.com