tag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post2866109567590935453..comments2023-10-14T03:24:46.816-07:00Comments on यथार्थ: मैं भी थी उनके बीच .....रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-91371133602623046872010-12-10T07:23:22.331-08:002010-12-10T07:23:22.331-08:00शुक्रिया रेखा जी। आपने स्पष्टीकरण देकर अच्छा कि...शुक्रिया रेखा जी। आपने स्पष्टीकरण देकर अच्छा किया। <br />आपने बिलकुल सही बात कही है। आपकी बात में ही एक और बात मैं भी जोड़ देता हूं। यह सारी लड़ाई अच्छाई और बुराई के बीच है। रामायण और महाभारत दोनों में ही कोई और संप्रदाय नहीं था। लड़ने वाले एक ही संप्रदाय के थे।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-48273912139135777202010-12-10T05:22:07.350-08:002010-12-10T05:22:07.350-08:00आदरणीय रेखा जी,
नमस्कार !
बहुत सुंदर निर्णय लिया,
...आदरणीय रेखा जी,<br />नमस्कार !<br />बहुत सुंदर निर्णय लिया,<br />क्रूर सत्य है यह। आपकी जागरूकता ने एक और हादसा होने से बचा लिया।<br />"माफ़ी"--बहुत दिनों से आपकी पोस्ट न पढ पाने के लिए ...संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-35209834001491456802010-12-10T03:42:11.093-08:002010-12-10T03:42:11.093-08:00अभिषेक जी,
दूसरे संप्रदाय के...अभिषेक जी,<br /> दूसरे संप्रदाय के धर्म ग्रंथों की आलोचना मैं बिल्कुल भी पसंद नहीं करती क्योंकि सबकी अपनी अपनी मान्यताएं और विश्वास होते हैं और वे उनके लिए अनुकरणीय होते हैं लेकिन वे भी अपने विवेक से काम करते हैं सभी तो एक से अधिक पत्नी नहीं रखते हैं. अपने धर्म की बात करें तो हमें भी कुछ स्थितियों में दूसरे विवाह की अनुमति दी जाती है. राजा दशरथ के तीन रानियाँ थीं. भगवान कृष्ण के भी बहुत सी पत्नियाँ थी. तब? <br />अंगुली हम पर भी उठाई जा सकती है. इस लिए ये कहीं से भी उल्लेख करने का मुद्दा नहीं है. हमें अमन और चैन के लिए सिर्फ और सिर्फ मानव धर्म पर विश्वास करना चाहिए. जो हर संप्रदाय में एक ही है. <br /> मैंने तो ऐसा भी देखा है की एक संप्रदाय ने दंगों के होने पर अपने घरों में दूसरे संप्रदाय के लोगों को शरण दी और वह भी अपने संप्रदाय के लोगों से दुश्मनी मोल लेकर. किसलिए - सिर्फ मानव धर्म को मानकर और सब संप्रदाय , धर्म और विश्वासों से बड़ा मानव धर्म है.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-68969411197473511272010-12-10T03:08:15.000-08:002010-12-10T03:08:15.000-08:00राजेश जी,
मेरी पोस्ट पहले से...राजेश जी,<br /> मेरी पोस्ट पहले से scheduled थी. और दो दिन से नेट ख़राब था. इस लिए उत्तर नहीं दे सकी अभी इसी वक्त ठीक हुआ है तो सारी टिप्पणी पढ़ी और लिख रही हूँ. <br /> नहीं दोनों संप्रदाय के मेरे मित्र है और विश्वसनीय और प्रिय भी हैं. वे भी मेरे लिए और साथ कम करने वालों के तरह ही प्रिय थे कभी हम लोग ऐसा सोच ही नहीं सकते थे. लेकिन उस दिन की बात ने हमें जागरूक कर दिया. लैब में कभी ऐसा कोई काम नहीं किया था. ये इत्तेफाक था कि वे दूसरे संप्रदाय के थे. ये किसी भी संप्रदाय के हो सकते हैं. <br /> हाँ वे स्थिति सामान्य होने के बाद बराबर आये लेकिन बाद में जो हुआ वह मैंने इससे पहले कि टिप्पणी में लिख दिया है. <br /> दहशतगर्दों का कोई मजहब नहीं होता ये आज भी कह रही हूँ क्योंकि पाकिस्तान में होने वाली वारदातें क्या हैं? वहाँ तो मंदिर नहीं है मस्जिदों और नमाजियों को भी वे शिकार बना रहे हैं. ये आस्तीन के सांप होते हैं. कभी कभी तो घर वाले भी उनकी हरकतों से वाकिफ नहीं हो पाते हैं.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-43070598166260050292010-12-10T02:55:55.458-08:002010-12-10T02:55:55.458-08:00उनके बारे में शेष लोगों को मैंने बता दिया था. लेकि...उनके बारे में शेष लोगों को मैंने बता दिया था. लेकिन उनको अहसास नहीं हो . बॉस ने भी उनको आगे लिए extension नहीं दिया. और उनको अनुभव प्रमाण पत्र लिखित में देने से इनकार कर दिया था. इस पर काफी बवाल किया उन लोगों ने लेकिन फिर यहाँ से छोड़ कर चले गए.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-15964147271472827002010-12-09T08:35:57.177-08:002010-12-09T08:35:57.177-08:00आप ने ऎन वक्त पर बहुत सुंदर निर्णय लिया, ओर उन्हे ...आप ने ऎन वक्त पर बहुत सुंदर निर्णय लिया, ओर उन्हे पकडवाया या नही, वेसे आज तो सच मे किसी पर विशवास नही होता, पता नही कोन किस भेष मे ऎसा निकले..... आप की पोस्ट पढ कर मेरा विश्वाश ओर भी बढ गया,पता नही कोन केसा निकले... धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-30043819127577487082010-12-09T07:49:06.754-08:002010-12-09T07:49:06.754-08:00रेखा जी क्षमा करें। आप अभी तक चुप हैं और आपने उस ...रेखा जी क्षमा करें। आप अभी तक चुप हैं और आपने उस सवाल का जवाब नहीं दिया कि आपने क्या किया। निश्चित ही जवाब कठिन होगा। <br />*<br />मैंने पोस्ट को दुबारा पढ़ा। आपने पहली ही पंक्ति में लिखा है कि आतंकवादियों का कोई मजहब नहीं होता। पर फिर आपने उन दोनों व्यक्तियों के बारे में एक इशारा कर दिया कि वे दूसरे संप्रदाय के थे। यह संयोग है कि वे संदिग्ध व्यक्ति निकले। लेकिन क्या आपके लिए दूसरे संप्रदाय का व्यक्ति होना मात्र ही संदिग्ध होने के लिए पर्याप्त है। <br />*<br />आपने तो यह सावधानी बरती कि संप्रदाय का नाम नहीं लिखा। पर आप देख रही हैं कि एक टिप्पणीकर्ता ने मान लिया है कि वे उस संप्रदाय के होंगे जिसका वे जिक्र कर रहे हैं। <br />*<br />चूंकि आपने अभी तक जवाब नहीं दिया है,इसलिए मैं यह सवाल भी रख रहा हूं कि अगर वे दोनों सचमुच इस सबमें शामिल थे तो क्या इसके बावजूद वे स्थिति सामान्य होने पर कार्यालय आने की हिम्मत कर सकते थे। <br />*राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-49972773200375233262010-12-09T06:25:42.222-08:002010-12-09T06:25:42.222-08:00इस यथाथ को पढकर रोम-रोम सिहर उठा। कितना क्रूर सत्य...इस यथाथ को पढकर रोम-रोम सिहर उठा। कितना क्रूर सत्य है यह। आपकी जागरूकता ने एक और हादसा होने से बचा लिया।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-77596612569187672882010-12-09T06:18:38.064-08:002010-12-09T06:18:38.064-08:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.ABHISHEK MISHRAhttps://www.blogger.com/profile/08988588441157737049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-31097223209910905232010-12-09T05:33:53.741-08:002010-12-09T05:33:53.741-08:00इनकी बातों पर कैसे विश्वास करलें. आपने उचित किया.इनकी बातों पर कैसे विश्वास करलें. आपने उचित किया.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-13563990555129757312010-12-09T04:48:58.943-08:002010-12-09T04:48:58.943-08:00pप्रश्न तो मेरा भी यही है कि आपने क्या किया लेकिन ...pप्रश्न तो मेरा भी यही है कि आपने क्या किया लेकिन जानती हूँ कि इसका जवाब आसान नही। किया भी होगा तो कहना मुश्किल है। सही बात है मुश्किल है अपने बीच ऐसे चेहरे पहचानना। यही दौर हम पंजाब मे देख चुके हैं।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-40587311198076672402010-12-09T03:29:03.123-08:002010-12-09T03:29:03.123-08:00Bhagwan apko lambi umra de, Apki samjhadari ne ek ...Bhagwan apko lambi umra de, Apki samjhadari ne ek ladki ki jan aur ijjat dono bacha li.Taarkeshwar Girihttps://www.blogger.com/profile/06692811488153405861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-48250863171662602742010-12-09T03:28:40.415-08:002010-12-09T03:28:40.415-08:00sahi kaha....sahi kaha....रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-86871639920380482172010-12-09T02:49:29.093-08:002010-12-09T02:49:29.093-08:00आपने कदम सही उठाया मगर जानने के बाद क्या किया ये भ...आपने कदम सही उठाया मगर जानने के बाद क्या किया ये भी जानना चाहते हैं।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-58912332687833383492010-12-09T02:23:57.298-08:002010-12-09T02:23:57.298-08:00सभी की तरह मेरा भी प्रश्न है कि आपने फिर क्या कि...सभी की तरह मेरा भी प्रश्न है कि आपने फिर क्या किया?अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-20646096935021287132010-12-09T02:16:43.577-08:002010-12-09T02:16:43.577-08:00सच में, किस पर विश्वास करें ?..सच में, किस पर विश्वास करें ?..Sunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-77261161814312784572010-12-09T02:07:43.654-08:002010-12-09T02:07:43.654-08:00लोग अपने चेहरों पर इतने चेहरे लगा कर घुमते हैं के ...लोग अपने चेहरों पर इतने चेहरे लगा कर घुमते हैं के असलियत का पता चल ही नहीं पाता...आपने संकट के समय बेहतर निर्णय लिया...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-14081269497981778332010-12-09T01:53:29.457-08:002010-12-09T01:53:29.457-08:00ओह , इश्वर का लाख शुक्रिया की आपने एकदम सटीक निर्ण...ओह , इश्वर का लाख शुक्रिया की आपने एकदम सटीक निर्णय लिया उनके साथ ना भेजकर उस लड़की को . रोंगटे खड़े हो गए ऐसे आस्तीन के सांपो के बारे में सुनकर .ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-58292095975301683372010-12-09T01:45:35.854-08:002010-12-09T01:45:35.854-08:00आपका कथन सही है!
आतंकवादियों के इस कायरतापूर्ण कदम...आपका कथन सही है!<br />आतंकवादियों के इस कायरतापूर्ण कदम की निन्दा करता हूँ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-35171070426225149052010-12-09T01:40:20.765-08:002010-12-09T01:40:20.765-08:00रोंगटे खड़े हो गए हैं इसे पढ़कर ...
ऐसा भी होता है ...रोंगटे खड़े हो गए हैं इसे पढ़कर ...<br />ऐसा भी होता है ....!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-89143613063628890042010-12-09T01:37:41.424-08:002010-12-09T01:37:41.424-08:00हे भगवान ...ये सच है रेखा जी !?...क्या हहो गया है ...हे भगवान ...ये सच है रेखा जी !?...क्या हहो गया है लोगों को ..सच में, किस पर विश्वास करें ?..shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-15133043078370689992010-12-09T01:37:26.095-08:002010-12-09T01:37:26.095-08:00आपने जो जिम्मेदारी ली थी उसे अच्छे से निभाया। ले...आपने जो जिम्मेदारी ली थी उसे अच्छे से निभाया। लेकिन मेरी भी यही जिज्ञासा है कि जानने के बाद आपने क्या किया ?राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-35914154632995042222010-12-09T01:07:52.507-08:002010-12-09T01:07:52.507-08:00ओह.....लेकिन जान लेने के बाद आपने क्या किया ?
सच ह...ओह.....लेकिन जान लेने के बाद आपने क्या किया ?<br />सच है किसी पर भी विश्वास नहीं किया जा सकता ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-71773741700659631682010-12-09T00:54:30.097-08:002010-12-09T00:54:30.097-08:00सही कहा रेखा जी,
इस तरह से हम नहीं पहचान पाते हैं...सही कहा रेखा जी,<br /><br />इस तरह से हम नहीं पहचान पाते हैं ऐसे लोगों के असली चेहरे. वे हमारे बीच ही रहते हैं और हमें सोया समझ कर सामने आ जाते हैं.सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7850658937061725515.post-47742045083963935672010-12-09T00:47:40.281-08:002010-12-09T00:47:40.281-08:00sahii kehaa isliyae jaagruk rehna hoga sabkosahii kehaa isliyae jaagruk rehna hoga sabkoरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.com